रेलवे की परीक्षाओं में नया बदलाव, परीक्षा में उम्मीदवार ले जा सकेंगे ये सामान। फॉर्म भरने की प्रक्रिया भी हुई आसान:
रेलवे भर्ती परीक्षाओं के नियम में बड़ा बदलाव। अब पगड़ी, हिजाब, कड़ा, लाकेट, बिंदी और ऐसे सभी धार्मिक प्रतीक पहनकर परीक्षा केंद्र में बैठ सकते हैं। बस यह जरूर है कि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। कुछ जगहों पर ज़रूरी सुरक्षा जांच के बाद ही कोई ग्रुप या प्रतीक स्वीकार किया जाएगा। ये बदलाव रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड ने देश की धार्मिक स्वतंत्रता और विविधता का सम्मान करते हुए किए हैं ।
क्यों किए गए ये बदलाव ?
कुछ परीक्षार्थियों से कलावा, मंगलसूत्र हटवाए गए थे, जिससे विवाद शुरू हो गया था । खासकर कर्नाटक और पंजाब में। शिकायतों और विरोध के बाद केंद्रीय मंत्री V. Somanna ने हस्तक्षेप किया और रेलवे बोर्ड को निर्देश दिए कि अब कोई धार्मिक प्रतीक हटाया नहीं जाएगा। कर्नाटक के डिप्टी सीएम DK शिवकुमार ने भी कहा कि सिर्फ जांच हो सकती है, हटाना गलत है।
क्या सुरक्षा बनी प्राथमिकता!
धार्मिक पहचान को सम्मान देते हुए भी परीक्षा की निष्पक्षता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए रेलवे ने कड़े प्रावधान बनाए हैं:
सभी परीक्षा केंद्रों पर 100% CCTV निगरानी होगी।
आधार‑केवाईसी / फेस पहचान तकनीक का उपयोग होगा – AI आधारित रियल‑टाइम मिलान होगा।
मोबाइल जैमर, e-KYC और टेबलेट/कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं भी जारी रहेंगी।
इन सुरक्षा कदमों से नकल, पहचान धोखाधड़ी, अनधिकृत सामग्री जैसी हरकतों को रोका जाएगा।
वन टाइम रजिस्ट्रेशन:
एक बड़ा बदलाव यह है कि अब वन टाइम रजिस्ट्रेशन लागू हो गया है। इसका मतलब है कि बस एक बार ही अपनी व्यक्तिगत और शैक्षणिक जानकारी भरनी होगी। भविष्य में आने वाली विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के लिए बार‑बार फॉर्म भरने की ज़रूरत नहीं होगी। इससे डेटा की संगति आती है, त्रुटियाँ कम होती हैं, और समय की बचत होती है।
सुधार : समावेशी और पारदर्शी प्रक्रिया:
रेलवे ने ये सुविधाएं भी जोड़ी हैं:
दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए ऑडियो-सहायता वाले पोर्टल और विशेष सुविधाएं।
सभी परीक्षा‑संबंधित अधिसूचनाओं के लिए वार्षिक कैलेंडर जारी किया गया है (जैसे Group C, NTPC, Group D, ALP, RPF SI)।
परीक्षा केंद्र की दूरी अब उम्मीदवार के घर से 250 km अंदर होगी; जरूरत पड़ी तो 500 km तक बढ़ाई जा सकती है।
1. अब धार्मिक प्रतीक पहनकर परीक्षा केंद्र जा सकते है, सिर्फ सुरक्षा मानकों की जांच होगी।
2. ये बदलाव सुरक्षा बनाए रखते हुए धार्मिक आज़ादी को मान्यता देने के लिए है।
3. सुरक्षा के लिए CCTV, आधार‑केवाईसी, AI‑फेस मैचिंग और जैमर सिस्टम लागू रहेंगे।
4. वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) के कारण अब हर बार आवेदन में समय‑बचत होती है।
5. दिव्यांगों की सुविधा और केंद्रों की दूरी को लेकर भी सुधार किए गए हैं।
रेलवे की नई पहल समावेशी, आधुनिक, पारदर्शी और सुविधाजनक भर्ती प्रक्रिया की तरफ एक बड़ा कदम है, जहां उम्मीदवार अपनी धार्मिक पहचान बनाए रख सकते हैं, और सिस्टम की गुणवत्ता और सुरक्षा भी बनी रहती है।